लगभग पूरी जिंदगी पैसों के साथ वारिकू का रिश्ता बेहद गड़बड़ रहा. ऐसा इसलिए कि उन्हें कभी पैसों के बारे में कुछ सिखाया ही नहीं गया. उन्हें सिर्फ एक ही बात सिखाई गई थी कि अपनी आजीविका कैसे कमाई जाए. सो, उन्होंने अपने ‘नौजवान मैं’—और वैसे अन्य नौजवानों—के लिए एक किताब लिखनी शुरू की, जिसमें उन्होंने हर वह चीज शेयर की है, जो वह चाहते थे कि काश, उनकी युवावस्था में उन्हें सिखाई जाती! अपनी तीसरी किताब 'Make Epic Money' में अंकुर वारिकू ने पैसे को अपना विषय बनाया है.
जितना काम आप पैसों के लिए करते हैं, जानिए कि आपका पैसा आपके लिए उतना काम कैसे कर सकता है.
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आज की किताबः 'मेक एपिक मनी'
मूल किताब: Make Epic Money
लेखक: अंकुर वारिकू
अनुवादक: गीत चतुर्वेदी
भाषा: हिंदी
विधा: नॉन-फिक्शन
प्रकाशक: पेंगुइन स्वदेश
पृष्ठ संख्या: 326
मूल्य: 250 रुपये
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.