कुमुद शर्मा अपनी पुस्तक 'आधी दुनिया का सच' में महिलाओं को न सिर्फ़ हिंसा की वेदी पर देखती हैं बल्कि घर से बाहर उनके दरपेश संघर्षों को भी रेखांकित करती हैं. यहां अकेली स्त्री के अनेक संघर्षों पर तो उनकी नज़र टिकी ही है साथ ही समाज के विभिन्न तबकों की स्त्री की वस्तुस्थिति पर भी विचार किया गया है. समाज ही नहीं, लेखिका ने यहां व्यवस्था को खूब आड़े हाथों लिया है.
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आज की किताबः 'आधी दुनिया का सच'
लेखिका: कुमुद शर्मा
भाषा: हिंदी
प्रकाशक: सामयिक पेपरबैक्स
पृष्ठ संख्या: 160
मूल्य: 300 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.