पं. राधेश्याम कथावाचक आधुनिक रंगमंच और पारसी रंगमंच की मज़बूत कड़ी हैं. वे पचास वर्ष तक रंगमंच और फ़िल्मों में सक्रिय रहे. सन् 1916 ई. में लिखा 'वीर अभिमन्यु' नाटक पारसी रंगमंच का पहला हिंदी धार्मिक नाटक है. पारसी रंगमंच पर उर्दू के वर्चस्व को तोड़ने का यह प्रयोग सफल रहा और कथावाचकजी ने पारसी रंगमंच की दशा और दिशा ही बदलकर रख दी.
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आज की किताबः 'वंस मोर वीर अभिमन्यु'
संपादक: हरिशंकर शर्मा
भाषा: हिंदी
प्रकाशक: बोधि प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 116
मूल्य: 150 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.