किसी के होने का एहसास होने लगता है,
ये दर्द अब तो अनायास होने लगता है
कुछ एक दिन को बूरी लगती है ये तन्हाई
फिर उसके बाद तो अभ्यास होने लगता है...शायर अज़हर इक़बाल की खूबसूरत शायरी आप भी सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.