कौन लोग हैं जो आबाद हुए हैं
किसी से मोहब्बत के बाद हुए हैं
लोगों ने शुरू कर दिया है लिखना अपने दिल की दास्तां
शायर हम भी दिल टूटने के बाद हुए हैं ... दुनिया में भारतीय भाषाओं के इस सबसे बड़े मेले साहित्य के महाकुम्भ 'साहित्य आज तक' में युवा कलाकारों के लिए 'माइक के लाल' मंच सजाया गया था. इस मंच पर 1100 से अधिक उभरते युवा कलाकारों को अपनी रचनाएं पढ़ने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ. हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश , यहां तक कि पश्चिम बंगाल से भी लोग अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए हमारे साथ जुड़े. इसी महफ़िल में हमारे साथ जुडे़ थे 'जग्गू'. जग्गू ने इस प्रतिष्ठित मंच पर अपनी शायरी 'बबुआ हम बिहारी हूं...' पढ़ सभी का दिल जीत लिया. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजीटल मंच पर एक साथ किया गया था. 'साहित्य आजतक' में आयोजित साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित किया जा रहा है. प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतियां.