साहित्य तक 'बुक कैफे-टॉप 10' में 'कहानी संग्रह' की पुस्तकें ये हैं.
'वन्या' | मनीषा कुलश्रेष्ठ
* इस कथा-संकलन की कहानियां वन्या जैसी आदिवासी स्त्रियों की हैं. ये आदिवासी अस्मिताओं की कथाएं किसी रूढ़ अर्थ में आदिवासी विमर्श की कथाएं नहीं हैं, पर एक झरोखा हैं जो आपको अवसर देती हैं - इनके वाङ्मय में झांकने का. प्रकाशक: राजपाल एण्ड सन्ज़
'ज़ोया देसाई कॉटेज' | पंकज सुबीर
* पंकज सुबीर का कहानी कहने का अपना अंदाज है. वे गंभीर विषयों को भी रोचक बना देते हैं. उनकी मंजी हुई भाषा और जबरदस्त शिल्प-विन्यास कहानी का एक-एक शब्द पढ़ने के लिए मजबूर कर देते हैं. इस संग्रह की सभी कहानियां उनकी इस विशेषता को शिद्दत से रेखांकित करती हैं. प्रकाशक: शिवना प्रकाशन
'पुतली ने आकाश चुराया’ | माधव हाड़ा
* इस पुस्तक में उस मध्यकालीन युग की ऐसी आठ कथा-आख्यान परंपरा की रचनाओं का हिन्दी कथा रूपांतर प्रस्तुत है, जिनमें मुख्य पात्र एक स्त्री है. ये आठ स्त्रियां अपनी प्रकृति में एकरूप और एकरैखिक नहीं हैं - इनकी अपनी अलग आकांक्षाएं, इच्छाएं, संकल्प और कार्य-व्यवहार हैं और वे खुलकर अपने सुख-दुःख, इच्छाओं और भावनाओं को व्यक्त करती हैं. प्रकाशक: राजपाल एण्ड सन्ज़
* 'डागडर बाबू' | डॉ यतीश अग्रवाल
चिकित्सा शास्त्र की आत्मा को छूती, टटोलती, गुदगुदाती हिंदी कथा-साहित्य की आठ श्रेष्ठ कहानियां ! उनमें छिपे हैं हजारों सूरज! गमी और खुशी के लम्हे! काल-कालांतर से गूंजते मंगल स्वर! सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः की पवित्र सोच!... प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
* 'घाम: जीवन के ताप- संताप की कहानियाँ' | श्याम बिहारी श्यामल
विश्व मानचित्र पर चमकते महिमामंडित बनारस से लेकर उपेक्षित पड़े पलामू तक, 'घाम' की कहानियों में भारतीय जीवन और जन-मन के एक से एक आयाम अंकित हुए हैं. लोमहर्षक, प्रश्नवाचक, द्वंद्व-अंतर्द्वंद्व या घात-संघात से भरे हुए, ये कहानियां भावुकता की दलदल बनाए बिना ही सोई संवेदनाएं जगा देती है और पाठक से मन-प्राणों के स्तर तक जुड़ जाती हैं. प्रकाशक: राजपाल एंड संस
गिल्लू की नयी कहानी | डॉ निधि अग्रवाल
* 'गिल्लू की नयी कहानी' में महादेवी वर्मा का अमर पात्र गिल्लू नये रूप में अवतरित हुआ है. इसमें परिवार की एकजुटता के हंसमुख सूत्र भी निहित हैं, तो रेखाचित्न से आगे की जानकारी मिलती है. एक दिलचस्प किताब, जिसे बच्चे, किशोर और वयस्क सभी रम कर पढ़ सकते हैं. प्रकाशक: अनबाउंड स्क्रिप्ट
चोट | चन्दन पाण्डेय
* ये कहानियां बहुत तेज़ी से बदल रही इस दुनिया और उसके साथ ही बदल रहे मानवीय, पारिवारिक और सामाजिक सम्बन्धों के समीकरणों को बेहद निर्मम तटस्थता से उघाड़ती हैं. संग्रह की शीर्षक कथा ‘चोट’ में जो चोट है, वह अलग-अलग रूपों में संग्रह में शामिल सातों कहानियों में महसूस होती है. प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
किस्से कॉफ़ियाना | दुष्यन्त
* इस कहानी संग्रह की 26 कहानियां भावों, दृश्यों और जीवन स्थितियों का एक सुंदर कोलाज बनाती हैं, जिसके इंद्रधनुषी रंग मन ही नहीं, आत्मा तक को छूने, भिगोने, अभिभूत करने और झकझोरने का काम करते हैं. इन कहानियों के पाठ का प्रभाव भी अपने-आप में अनूठा ही होता है. प्रकाशक: पेंगुइन स्वदेश
पुई - राहुल श्रीवास्तव
* निहायत ही निजी अनुभव और दृष्टिकोण पर आधारित ये कहानियां उस व्यापकता तक जाती हैं जहां पाठक न सिर्फ़ अपने जीवन का अंश देख पाते हैं बल्कि अपने व्यक्तिगत जीवन की सचाई से भी रू-ब-रू हो जाते हैं. प्रकाशक: लोकभारती प्रकाशन
जितनी यह गाथा | एकांत श्रीवास्तव
* 'जितनी यह गाथा' में सम्मिलित समस्त चैदह कहानियां अलग-अलग रंगों पर केंद्रित हैं.ये कहानियां विरल हैं क्योंकि आज की कहानी के मुहावरे से अलग खड़े होने का जोखिम उठाती हैं. प्रकाशक: राजपाल प्रकाशन
वर्ष 2024 के 'साहित्य तक बुक कैफे टॉप 10' में शामिल सभी पुस्तक लेखकों, प्रकाशकों, अनुवादकों और प्रिय पाठकों को बधाई!