परिस्थितियां मायने नहीं रखतीं, मायने रखती है, उम्मीद!
बमुश्किल एक शब्द बोल पाने से लेकर जीवन का मर्म समझने तक की मार्मिक एवं प्रेरक कहानी है, 'गेरबाज़: न यह ज़िन्दगी जीतने दे रही है, और न मैं हारने को तैयार हूँ...'
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आज की किताबः 'गेरबाज़: न यह ज़िन्दगी जीतने दे रही है और न मैं हारने को तैयार हूँ...'
लेखक: भगवंत अनमोल
भाषा: हिंदी
विधा: उपन्यास
प्रकाशक: पेंगुइन स्वदेश
पृष्ठ संख्या: 178
मूल्य: 299 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.