ईसा मसीह को किसने मारा! क्या आपको पता है?
धर्म कैसे तय किया जाता है?
संत तुकाराम कौन थे?
विट्ठल कौन थे?
सोशल मीडिया और तकनीक जगत ने कार्टून को कितना प्रभावित किया है?
डॉक्टरी का पेशा छोड़कर आप कार्टून की दुनिया में कैसे आए?
साहित्य तक स्टूडियो में हमारे खास कार्यक्रम 'बातें-मुलाकातें' में आज मौजूद हैं मशहूर कार्टूनिस्ट और लेखक राजेंद्र धोड़पकर. अगर आप समाचार पत्र पढ़ते हैं तो राजेंद्र धोड़पकर के कार्टून आपने ज़रूर देखे होंगे. राजेंद्र धोड़पकर हमारे समय के बड़े कार्टूनिस्ट हैं. उनके कार्टून में हमें समय और राजनीति की सबसे सटीक अनुगूंजें देखने को मिलती हैं. बीसियों पन्नों के अख़बार में ज़रा-सा एक कार्टून जितना हमें समाज के बारे में समझा पाता है, हज़ारों शब्दों वाला कोई लेख भी उतना नहीं बता पाता. धोड़पकर बतौर कार्टूनिस्ट बहुत मशहूर हैं, लेकिन उनकी शख़्सियत का एक दूसरा पहलू भी है जो बहुत काव्यात्मक है. कविता के लिए उन्हें प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल सम्मान भी मिल चुका है.
राजेंद्र धोड़पकर का जन्म 11 अगस्त, 1956 में इंदौर में हुआ. भोपाल से एम.बी.बी.एस करने के बाद कुछ सालों तक डॉक्टरी और दूसरे कामकाज भी किए. राजेंद्र धोड़पकर की पुस्तक 'तुका आकाश जितना: संत तुकाराम की कविताएँ' रुख प्रकाशन से प्रकाशित है जिसमें कुल 123 पृष्ठ हैं और मूल्य है 220 रुपये. साहित्य तक के 'बातें-मुलाकातें' कार्यक्रम में सुनिए कार्टूनिस्ट- लेखक राजेंद्र धोड़पकर संग वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय की ये खास बातचीत.