एक डरावने शोर में डूब चुकी है दिल्ली...Uma Shankar Choudhary की ‘कुछ भी वैसा नहीं’ | Sahitya Tak | Tak Live Video

एक डरावने शोर में डूब चुकी है दिल्ली...Uma Shankar Choudhary की ‘कुछ भी वैसा नहीं’ | Sahitya Tak

वह जुलूस जो बढ़ रहा है दिल्ली की तरफ़

ढेर सारा गुस्सा और ढेर सारे सवालों को लेकर

वह जुलूस एक दिन पहुँचेगा दिल्ली

लोकतंत्र से ढेर सारी उम्मीदों को लेकर

ढेर सारी अपेक्षाओं को लेकर


लेकिन वह जुलूस एक दिन लौटेगा बेरंग दिल्ली से वापस

क्योंकि दिल्ली ख़ाली है

कोई नहीं है दिल्ली में जो देगा जवाब

लोकतंत्र की तरफ़ से

दिल्ली में बस बज रहे हैं ढेर सारे ढोल और नगाड़े


एक डरावने शोर में डूब चुकी है दिल्ली


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आज की किताबः ‘कुछ भी वैसा नहीं ’

लेखक: उमा शंकर चौधरी

भाषा: हिंदी

विधा: कविता

प्रकाशक: राधाकृष्ण प्रकाशन

पृष्ठ संख्या: 96

मूल्य: 187 रुपए


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.