भीनी-भीनी खुशबू बोते हम केसर की क्यारी में
रंग-बिरंगे फूल खिलते केसर की फुलवारी में
इंद्रधनुष हैं हम दुनिया को रंग-सुनहरे देते हैं
बीच भंवर में फंसी नाव पतवारी बन खेते हैं... कवि पंकज अंगार की यह शानदार देशभक्ति कविता आप भी सुनिए सिर्फ साहित्य तक पर.