जब मेरे जिस्म की चादर ये पुरानी हो जाए
मेरी मिट्टी को भी मिल जाए तिरंगे का कफ़न... शाहिद अंजुम की खूबसूरत देश-भक्ति शायरी आप भी सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.