क्या आप उर्दू शायरी के शौकीन हैं?
लेकिन क्या कभी-कभार शायरी पढ़ते-सुनते आप अटक जाते हैं?
जब शायर की कोई बात अधूरी ही समझ में आये तो क्या मन में एक कसक नहीं उठती है कि काश पूरी समझ पाते?
यदि ऐसा है तो यह किताब आपके लिये बहुत मददगार होगी और जिसे पढ़ कर शायरी का आप भरपूर मजा उठा पायेंगे. इसमें सरल भाषा में उर्दू शायरी से जुड़ी वो सब जरूरी बातें हैं जिससे आप ग़ज़ल, शे'र, रुवाई, कता सभी को बेहतर समझ पायेंगे. शायरी का लुत्फ उठाने के लिए न केवल उर्दू ज़बान की समझ होनी चाहिए साथ ही उसमें प्रयोग होने वाले अनेक मिथकों, किस्से-कहानियों की जानकारी भी जरूरी है, जैसे- लैला-मजनूं, शीरीं-फरहाद, हज़रत मूसा, आदम-हौवा के किस्से या फिर गुलिस्तां, गुल, बुलबुल, आशियान, खिज़ां जैसे प्रतीक और रूपक जिन्हें जाने बिना शायरी की बात पूरी नहीं होती.
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आज की किताबः उर्दू शायरी समझें और सराहें
लेखक: बाल कृष्ण
भाषा: हिंदी
विधा: शायरी
प्रकाशक: राजपाल एंड संस
पृष्ठ संख्या: 160
मूल्य: 250 रुपये
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.