वरिष्ठ कवि हरिओम पंवार की ये कविता सुनकर आपको मज़ा ही आ जाएगा, मंच पर बैठ कर दर्शकों को रोक कर सुनाई कविता आप भी सुनिए सिर्फ़ साहित्य तक पर.