हर आदमी शैतान नज़र आता है... Radheshyam Tiwari द्वारा चयनित एवं संपादित 'कविता में दिल्ली' | EP 840 | Tak Live Video

हर आदमी शैतान नज़र आता है... Radheshyam Tiwari द्वारा चयनित एवं संपादित 'कविता में दिल्ली' | EP 840

यहां कोई किसी का

दोस्त नहीं, परिचित नहीं

यहां तो सभी चेहरे बिखरे हैं स्वार्थों में

लोग एक- दूसरे का उड़ाते हैं मज़ाक़

बौद्धिकता की सीमाएं

ज़्यादा बोलने में हैं

हर आदमी शैतान नज़र आता है...


**********


आज की किताबः 'कविता में दिल्ली'

चयन एवं संपादन: राधेश्याम तिवारी

भाषा: हिंदी

विधा: कविता

प्रकाशक: साहित्य अकादेमी

पृष्ठ संख्या: 325

मूल्य: 280


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.