यहां कोई किसी का
दोस्त नहीं, परिचित नहीं
यहां तो सभी चेहरे बिखरे हैं स्वार्थों में
लोग एक- दूसरे का उड़ाते हैं मज़ाक़
बौद्धिकता की सीमाएं
ज़्यादा बोलने में हैं
हर आदमी शैतान नज़र आता है...
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आज की किताबः 'कविता में दिल्ली'
चयन एवं संपादन: राधेश्याम तिवारी
भाषा: हिंदी
विधा: कविता
प्रकाशक: साहित्य अकादेमी
पृष्ठ संख्या: 325
मूल्य: 280
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.