पहली बार मैं पुरुष से मिली थी... Savita Bhargav का कविता- संग्रह 'थमी हुई बारिश में दोपहर' | EP 834 | Tak Live Video

पहली बार मैं पुरुष से मिली थी... Savita Bhargav का कविता- संग्रह 'थमी हुई बारिश में दोपहर' | EP 834

पहली बार मैं पुरुष से मिली थी

सकुचाती हुई, बचाती हुई भरसक नज़र

कांपती और थोड़ी हकलाती

तो मैंने सोचा था

मैं प्रेमिका हूं


दोबारा मिलना हुआ पुरुष से

थोड़ा खुलकर थोड़ा हंसकर

बतियाते हुए उससे नाप- तौलकर

तो मैंने सोचा था

क़ाबू में कर सकती हूं उसे


बार- बार मिलना हुआ पुरुष से

मैं सोच में पड़ गयी

किस बात से हूं अनजान...


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आज की किताबः 'थमी हुई बारिश में दोपहर'

लेखक: सविता भार्गव

भाषा: हिंदी

विधा: कविता

प्रकाशक: राजकमल पेपरबैक्स

पृष्ठ संख्या: 134

मूल्य: 199


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.