प्रेम में लड़की शोक करती है
शोक में लड़की प्रेम करती है
प्रेम में लड़की नाम रखती है
नाम जिसका रखती है
माया है वह
माया, जिसकी इच्छा उसकी नींद में चलती है,
कभी वह इस माया को
पुकारती है बाबा कहकर
कभी कहती है
मनु, ओ मनु
कभी सोचने लगती है
कोई बिल्कुल नया नाम!... 'प्रेम में लड़की शोक करती है' कविता की कुछ पंक्तियां.
आज साहित्य तक स्टूडियो में हमारे खास कार्यक्रम 'बातें-मुलाकातें' में जानीमानी रचनाकार, कवयित्री गगन गिल मौजूद हैं. गगन गिल इससे पहले हमारे 'शब्द-रथी' कार्यक्रम का हिस्सा रह चुकी हैं. और आज इस कार्यक्रम में गगन गिल ने अपने जीवन से जुड़े निम्नलिखित सवालों का बहुत ही दिलचस्प तरीके से जवाब दिया है.
* बचपन की सबसे सुंदर स्मृति किसके साथ रही है?
* अंग्रेजी साहित्य का अध्ययन करने के बावजूद आपको कोर्स बकवास क्यों लगा?
* भारतीय कवियों में सबसे प्रिय कौन लगता हैं ?
* आपके जीवन में प्रेम कैसे आया?
* निर्मल वर्मा जी से कैसे प्रेम हुआ ?
* दोस्ती और प्रेम में क्या फर्क है?
गगन गिल के जीवन से जुड़े इन तमाम सवालों के बाद वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय ने उनके साथ एक रैपिड फायर भी किया जो कुछ इस तरह से हैं.
- स्त्री?
- स्वप्न?
- प्रेम?
- ईश्वर?
- दुःख?
- उदासी?
- अकेलापन?
- दोस्त?
- जीवन?
- मृत्यु?
- अध्यात्म?
- कविता?
- बुद्ध?
- संसार?
- प्रकृति?
- नायक?
- संदिग्ध ?
- गगन गिल?
इन शब्दों पर बने सवालों का जवाब जिस तरह से गगन गिल ने दिया है, वह सुनने वालो के जीवन में काफी कुछ नया सीखाता है. सुपरिचित कवयित्री गगन गिल का जन्म 19 नवंबर 1959 को नई दिल्ली में हुआ. उच्च शिक्षा के बाद 1983-93 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया समूह व संडे ऑब्ज़र्वर में एक दशक से कुछ अधिक समय तक साहित्य संपादन से संबद्ध रहीं और फिर 1992-93 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका में पत्रकारिता की नीमेन फ़ैलो रहीं. 1983 में प्रकाशित आपके पहले काव्य-संग्रह ‘एक दिन लौटेगी लड़की’ और 1984 में भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से वह चर्चा में आईं.
लगभग 35 वर्ष लंबी उनकी रचना-यात्रा की नौ कृतियां मौजूद हैं. ‘एक दिन लौटेगी लड़की’, ‘अँधेरे में बुद्ध’, ‘यह आकांक्षा समय नहीं’, ‘थपक थपक दिल थपक थपक’, ‘मैं जब तक आई बाहर’ आपके पांच काव्य-संग्रह हैं. दिल्ली में उनींदे, अवाक्, देह की मुँडेर पर इत्यादि आपकी गद्य-कृतियां हैं.
गगन गिल को भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार, संस्कृति सम्मान, केदार सम्मान, हिंदी अकादेमी साहित्यकार सम्मान, द्विजदेव सम्मान आदि से सम्मानित किया गया है.
तो साहित्य तक पर सुनिए गगन गिल संग वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय की ये खास बातचीत.