जड़ों और परंपराओं के तलाश की गाथा Harendra Singh Aswal का 'हाशिए के लोग' | EP 1014 | Sahitya Tak | Tak Live Video

जड़ों और परंपराओं के तलाश की गाथा Harendra Singh Aswal का 'हाशिए के लोग' | EP 1014 | Sahitya Tak

'हाशिए के लोग' पुस्तक में संस्मरणात्मक वृतांत हैं. ये निबंध समय-समय पर लिखे गये. ये पूछते हैं कि परंपरा बड़ी है या प्रश्न, बुरांस. ये कुल 19 गाथायें, लेख और निबंध हैं, जिसमें उत्तराखंड के गोरखाणी पर भी लेख है. जो हर उत्तराखंडी के मन-मस्तिष्क में अवसाद के रूप में जमा हुआ है, वह वैसे ही लोकगीतों, वार्ताओं और इतिहास के पन्नों में दर्ज है. भारत जैसे नादिर शाह को याद करता है उत्तराखंड गोरखाणी को याद करता है. सतरू जातक, गंगनी दास, लाल सिंह क्षेत्री, सिबक्ती, घट, हमारी बग्वाल, ये सब संस्मरण हैं, इन संस्मरणों के माध्यम से अपने समाज, उसकी संस्कृति, उसके कष्ट और उसकी समस्याएं, उन सबसे निपटने के उनके तौर तरीकों को समझने का हल्का सा प्रयास है.


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आज की किताबः हाशिए के लोग

लेखक: हरेन्द्र सिंह असवाल

भाषा: हिंदी

विधा: कहानियां

प्रकाशक: स्वराज प्रकाशन

पृष्ठ संख्या: 135

मूल्य: 450 रुपये


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.