Main Tenu Fir Milangi का हरियाणवी अनुवाद 'मैं तन्नै फ़ेर मिलूंगी' | Sonia Satyaneeta | Sahitya Tak | Tak Live Video

Main Tenu Fir Milangi का हरियाणवी अनुवाद 'मैं तन्नै फ़ेर मिलूंगी' | Sonia Satyaneeta | Sahitya Tak

मैं तन्नै फ़ेर मिलूंगी

कद,क्योंकर अर किस ढ़ाल न्यू मैं नहीं जानती

पर मैं तन्नै फ़ेर मिलूंगी

शायद तेरे सुपन्यां की चिंगारी बण कै

मैं तेरे बानए किसे केनवास पै उतरुंगी

तेरे कैनवास पै एक न्यारी सी

एक अलग सी लकीर बण के

मैं खामोश बैठी तन्नै देखती रहूंगी

कद,क्योंकर अर किस ढ़ाल न्यू मैं नहीं जानती

लेकिन मैं तन्नै फ़ेर मिलूंगी


शायद मैं सूरज की लौ बण के,घाम बणकै

तेरे रंगां म्ह घुलूंगी

अर फेर रंगां की कोली म्ह बैठके तेरे कैनवास म्ह समा जाऊंगी

कद,क्योंकर अर किस ढ़ाल न्यू मैं नहीं जानती

पर मैं तन्नै फेर तै मिलूंगी


शायद मैं उस जगहां बरगी हो ज्यांगी

जड़ै तै झरनयां का,नदियां का,बदरो का,नहर का पानी बहता जा सै

मैं इन पाणी की बूंदा गेल्यां

तेरे गाम,तेरे घर तक आऊंगी

अर फेर सीली-सीली बूंदा की सीलक बणकै

तेरी छाती कै लाग्गूंगी

कद,क्योंकर अर किस ढ़ाल न्यू मैं नहीं जानती

पर मैं तन्नै फेर तै मिलूंगी


मैं और कुछ तो नहीं जाणदी पर

इतना जरुर जाणु सूं

टैम जो बी करेगा

कि एक जन्म तो तू मेरे गेल ए रहवैगा

कहया करैं अक गात तो माटी म्ह मिलज्या सै

पर कालजे म्ह जो हो सै

वो हाड़ै ए कायनात म्ह ए रम जा सै

मैं इस कायनात के हर कण म्ह रमूंगी

पर तन्नै फेर तै मिलूगी

कद,क्योंकर अर किस ढ़ाल न्यू मैं नहीं जानती

पर मैं तन्नै फेर तै मिलूंगी.. सुनिए अमृता प्रीतम की मशहूर कविता 'मैं तैनू फ़िर मिलांगी' का पत्रकार सोनिया सत्यनीता द्वारा हरियाणवी अनुवाद 'मैं तन्नै फ़ेर मिलूंगी', सिर्फ़ साहित्य तक पर.