Hindi Literature लघु विधाओं का हाल, 'स्वाधीन भारत का हिंदी साहित्य' भाग-2 | Vishwanath Prasad Tiwari | Tak Live Video

Hindi Literature लघु विधाओं का हाल, 'स्वाधीन भारत का हिंदी साहित्य' भाग-2 | Vishwanath Prasad Tiwari

'स्वाधीन भारत का हिंदी साहित्य' शीर्षक ग्रंथ, जिसका आलोच्य काल 1947- 2010 है, हिंदी साहित्य की विविध प्रवृत्तियों और विधाओं का ऐतिहासिक तथा विश्लेषणात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है. यह पुस्तक दो खंडों में विभाजित है, इसलिए मुख्य विधाओं को प्रथम खंड में तथा लघु विधाओं और कुछ अन्य विमर्शों को द्वितीय खंड में प्रकाशित किया गया है. आज बुक कैफे के 'एक दिन एक किताब' में इस पुस्तक के प्रथम खंड की चर्चा हुई है. इस खंड में हिंदी कविताएं, उपन्यास, कहानी, नाटक, निबंध, आलोचना आदि शामिल हैं. पुस्तक के प्रधान संपादक विश्वनाथ प्रसाद तिवारी हैं तथा संपादक मंडल के सदस्यों में इंद्रनाथ चौधुरी, नंद किशोर आचार्य, टी.एन.शुक्ल, कौशलनाथ उपाध्याय एवं माधव कौशिक शामिल हैं.


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आज की किताबः 'स्वाधीन भारत का हिंदी साहित्य' भाग-1

प्रधान संपादक: विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

भाषा: हिंदी

विधा: संचयन

प्रकाशक: साहित्य अकादेमी

पृष्ठ संख्या: 678

मूल्य: 650

साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.