मैंने नए ईश्वर से बात की
उसकी बातें चाल ढ़ाल सब वैसा ही था..
मैंने थोड़ा विस्मित हो कर कहा,
हे ईश्वर तुम तो बिल्कुल नहीं बदले... आईपीएस तेजिंदर सिंह लूथरा की ये कविता आप भी सुनें.