दुख और पीड़ा को गले लगाकर खुद को नया जीवन कैसे दें? Gaurav Upadhyay की 'ज़िंदगी अनलिमिटेड' | EP 804 | Tak Live Video

दुख और पीड़ा को गले लगाकर खुद को नया जीवन कैसे दें? Gaurav Upadhyay की 'ज़िंदगी अनलिमिटेड' | EP 804

खुद को बेहतर तरीके से जानने से लेकर अपनी नई कहानी लिखने तक, आप सीखेंगे कि जीवन को कैसे आसान बनाया जाए? कैसे अपने माइंड-सेट को बदलकर नए जीवन की संकल्पना करें? दुख और पीड़ा को गले लगाकर खुद को नया जीवन कैसे दें? समय की सीमाओं को कैसे समझें और टाइम-मैनेजमेंट को नए दृष्टिकोण से कैसे देखें?

इस पुस्तक में आपको वास्तविक जीवन से व्यावहारिक उदाहरण तक दिल को छू लेने वाली सच्ची कहानियों के संदर्भ मिलेंगे.


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आज की किताबः 'ज़िंदगी अनलिमिटेड: कैसे जिएँ दायरों से एक कदम आगे!'

लेखक: गौरव उपाध्याय

भाषा: हिंदी

विधा: कथेतर

प्रकाशक: पेंगुइन स्वदेश

पृष्ठ संख्या: 190

मूल्य: 199


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.