हैदराबाद में लोग Multilingual कैसे हैं?
हैदराबाद बिरयानी के लिए ही क्यों जाना जाता है?
हैदराबाद को Beyond Biryani आप कैसे देखते हैं?
किसी भी शहर के बनने में सबसे बड़ा रोल किसका होता है?
ऐसे अनगिनत प्रश्नों और उनके उत्तरों के साथ 'शब्द-रथी' कार्यक्रम में Westland Books से प्रकाशित अपनी पुस्तक 'Beyond Biryani: The Making of a Globalised Hyderabad' पर चर्चा के लिए उपस्थित थे लेखक, दिनेश सी. शर्मा.
हैदराबाद क्या केवल नवाबों, चारमीनार और बिरयानी का शहर है या ग्लोबल टेक्नोलॉजी के न्यूरल नेटवर्क से जुड़ा शहर? बिरयानी से परे हैदराबाद, 1940 के दशक तक एक अर्ध-मुगल रियासत के तहत एक प्रोटो-औपनिवेशिक शहर से लेकर आज के आधुनिक और जीवंत महानगर हैदराबाद तक की यात्रा को दर्शाता है. Beyond Biryani पुस्तक के पन्नों में, हम उस परिवर्तन की शुरुआत देखते हैं: अंग्रेज़ जिन्होंने शहर को वैज्ञानिक सोच विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ाया और नवाब जिन्होंने इस कारण की वकालत की. क्लोरोफॉर्म आयोग से लेकर रोनाल्ड रॉस द्वारा मलेरिया की खोज तक; भारत के पहले स्थानीय विश्वविद्यालय उस्मानिया विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर, नए स्वतंत्र भारत द्वारा औद्योगिक प्रयोगशालाओं, वैज्ञानिक अनुसंधान और परमाणु ईंधन और मिसाइलों में रणनीतिक प्रयासों को बढ़ावा देने तक. अंत में, हम पाते हैं कि पिछले तीस वर्षों में हैदराबाद ने किस तरह से एक वास्तविक वैश्वीकृत शहर बनने की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है. हैदराबाद शहर का एक वैकल्पिक इतिहास, Beyond Biryani उन सभी के लिए अवश्य पढ़ी जाने वाली पुस्तक है जो यह जानना चाहते हैं कि कैसे एक शहर अपनी सांस्कृतिक विरासत में निहित रहते हुए आधुनिकता की ओर बढ़ सकता है.
दिनेश सी. शर्मा एक पुरस्कार विजेता पत्रकार और लेखक हैं, जिनके पास राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, चिकित्सा और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्टिंग का लगभग चालीस वर्षों का अनुभव है. उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों में द आउटसोर्सर: द स्टोरी ऑफ इंडियाज आईटी रेवोल्यूशन एंड इंडियन इनोवेशन, नॉट जुगाड़: 100 आइडियाज दैट ट्रांसफॉर्म्ड इंडिया शामिल हैं.
लेखक, दिनेश सी. शर्मा. की Westland Books से प्रकाशित पुस्तक 'Beyond Biryani: The Making of a Globalised Hyderabad' में 336 पृष्ठ हैं, और इसके हार्डबाउंड संस्करण का मूल्य है 488 रुपये. सुनिए इस पुस्तक के बहाने दिनेश सी. शर्मा. संग वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय की यह बातचीत.