मैं एक लेखक हूं मगर मैं भी बिकता हूं... Sakshi Yadav | Mike ke Lal | Open Mic | Jashn e Ghalib | Tak Live Video

मैं एक लेखक हूं मगर मैं भी बिकता हूं... Sakshi Yadav | Mike ke Lal | Open Mic | Jashn e Ghalib

तुम जो सुनते हो, पढ़ते हो, मैं ही लिखता हूं

मैं एक लेखक हूं मगर मैं भी बिकता हूं... साहित्य तक द्वारा आयोजित इंडिया टुडे मीडियाप्लेक्स स्थित ऑडिटोरियम में 'माइक के लाल' ओपेन माइक इवेंट में 'साक्षी यादव' द्वारा पढ़ी गई ये शानदार कविता आप भी सुनिए. यह प्रस्तुति इस प्रतिष्ठित साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित 'जश्न-ए-ग़ालिब' में हुई थी. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजिटल मंचों पर एक साथ किया गया था. आज से हम साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित कर रहे हैं. साक्षी की इस मंच पर सुनाई गई कविता 'मैं एक लेखक हूं मगर मैं भी बिकता हूं...' को आप भी सुन सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. युवा प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतियां.