गमों को लादे पीठ पर चल रहा हूं | Abhishek Bharat Upadhyay | Mike Ke Lal | Open Mic | Sahitya Tak | Tak Live Video

गमों को लादे पीठ पर चल रहा हूं | Abhishek Bharat Upadhyay | Mike Ke Lal | Open Mic | Sahitya Tak

पुराने आशिक की जब से बदली हुई है

सिंदूर की डिब्बी और महंगी हुई है... साहित्य तक द्वारा आयोजित इंडिया टुडे मीडियाप्लेक्स स्थित ऑडिटोरियम में 'माइक के लाल: सीज़न-3' ओपेन माइक इवेंट में 'अभिषेक भरत उपाध्याय ' द्वारा पढ़ी गई ये शानदार कविता आप भी सुनिए. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजीटल मंच पर एक साथ किया गया था. आज से हम साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपेन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित कर रहे हैं. अभिषेक की इस मंच पर सुनाई गई ग़ज़ल 'गमों को लादे पीठ पर चल रहा हूं' को आप भी सुन सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. युवा प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतियां.