"फिर पिओगे एक सिगरेट?"
"एक, सिर्फ़ एक"
"तुमने मना किया था कि नहीं पियोगे!"
"पर तुम्हीं तो कहती थीं कि सिगरेट पीते हुए मैं बहुत स्मार्ट लगता हूं, तुम्हें सिगरेट की गंध पसंद है"
"हमने चिढ़कर कहा था..." .. यह चर्चित कथाकार उर्मिला शिरीष की '10 प्रतिनिधि कहानियाँ' संग्रह में शामिल 'सिगरेट' कहानी का अंश है.
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आज की किताबः '10 प्रतिनिधि कहानियाँ'
लेखक: उर्मिला शिरीष
भाषा: हिंदी
विधा: कहानी
प्रकाशक: किताबघर प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 220
मूल्य: 550
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.