यह बात तय है कि अल्लाह देने वाला है
मगर किसी का भी अंदाज़ लेने वाला है
निकल सफर पे तो गहरे पानियों से न डर
वो और है जो तेरी नाव खेने वाला है... चरण सिंह बशर की शानदार ग़ज़ल सुनिए सिर्फ साहित्य तक पर.