ये सभी कुंवारों को सिंगल होने का एहसास कराती है...Firoz Khan | Mike ke Lal | Poetry Video | Open Mic | Tak Live Video

ये सभी कुंवारों को सिंगल होने का एहसास कराती है...Firoz Khan | Mike ke Lal | Poetry Video | Open Mic

ये दिसम्बर की तेज़ धुंध

कड़कड़ाती ठण्ड का आगाज़ करती है

ये सभी कुंवारों को सिंगल होने का एहसास कराती है...साहित्य तक द्वारा आयोजित इंडिया टुडे मीडियाप्लेक्स स्थित ऑडिटोरियम में 'माइक के लाल' ओपेन माइक इवेंट में 'फ़िरोज़ ख़ान' द्वारा पढ़ी गई ये शानदार कविता आप भी सुनिए. यह प्रस्तुति इस प्रतिष्ठित साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित 'जश्न-ए-ग़ालिब' में हुई थी. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजिटल मंचों पर एक साथ किया गया था. आज से हम साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित कर रहे हैं. 'फ़िरोज़ की इस मंच पर सुनाई गई कविता 'ये सभी कुंवारों को सिंगल होने का एहसास कराती है...' को आप भी सुन सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. युवा प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतिया