ये कैसी विडंबना है कि पहले वजह न थी रोने की
अब ढूंढते हैं खुश होने की
ऐसा नहीं की पहले आंसू छलके न थे
पर देने वाले अपने न थे...Mike ke Lal Kolkata में जय किशन ने सुनाया अपनी शादी का दर्द सुनें साहित्य तक पर.