देश के लिए 1-2 नहीं कुल 3259 दिन Jawaharlal Nehru थे जेल में | Pankaj Chaturvedi | जवाहरलाल हाज़िर हो | Tak Live Video

देश के लिए 1-2 नहीं कुल 3259 दिन Jawaharlal Nehru थे जेल में | Pankaj Chaturvedi | जवाहरलाल हाज़िर हो

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू 1922 में पहली बार जेल जाने और 1945 में आखिरी बार रिहा होने के बीच कुल नौ बार जेल गए. सबसे कम 12 दिनों और सबसे अधिक 1,041 दिनों के लिए. वे कुल 3259 दिन यानी अपनी जीवन के सवा आठ साल जेल में रहे. यह कहानी है उस दौर में देश के चुनिंदा रईस परिवार के इकलौते पुत्र और लंदन में रह कर विद्यालय से विधि तक की पढ़ाई कर लौटे एक युवा की. वह जब गांधीजी के संपर्क में आए तो शानो-शौकत की ज़िंदगी त्यागकर देश की आज़ादी के संकल्प को जीवन का लक्ष्य बना लिया. एक दौर ऐसा आया कि घर के सारे लोग जेल में और घर में केवल बच्चे थे.

आख़िर वे कौन से नौ अपराध थे, जिनके कारण ब्रितानी हुकूमत ने जवाहरलाल नेहरू को सजाएं सुनाईं और जेल में बंद रखा? क्या जेल जीवन उतना सरल था? वास्तव में यह कहानी है कि किस तरह नेहरू ने सन् 1915 से 1947 तक लगातार संघर्ष में जेल और अदालत को अपनी बात कहने का माध्यम बनाया. हमारी आज़ाादी की यात्रा, कारावास और कानून के संकरे गलियारों से होते हुए हमारे संविधान तक पहुंची. यह महज अदालती कार्यवाही का दस्तावेज नहीं हैं , जवाहरलाल नेहरू के जेल के आने और जाने के दौरान घटित हो रही महत्त्वपूर्ण घटनाओं और स्वतंत्रता संग्राम के अनगिनत–अनाम सैनानियों की गाथा है.


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आज की किताबः 'जवाहरलाल हाज़िर हो: जेल की सलाखों के पीछे पंडित नेहरू के 3259 दिन'

लेखक: पंकज चतुर्वेदी

भाषा: हिंदी

विधा: राजनीति \ इतिहास

प्रकाशक: पेंगुइन रैंडम हाउस

पृष्ठ संख्या: 186

मूल्य: 299 रुपये


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए इस पुस्तक की चर्चा.