माना की ज़िंदगी के इम्तिहान हैं बड़े
हिम्मत भी तेरे पास कुछ कम नहीं
और आसमान में बिजलियों का कारवां इतना
फ़लक छूने की हसरत फिर भी कम नहीं... देश अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मनाने को तैयार है ऐसे में सुनें DCP दिल्ली पुलिस (मेट्रो) जितेन्द्र मणि की यह शानदार कविता सिर्फ़ साहित्य तक पर.