Lok Sabha Polls 2024 के बीच जानें 'जाति और चुनाव' की जुगलबंदी | Arvind Mohan | जातियों का लोकतंत्र 2 | Tak Live Video

Lok Sabha Polls 2024 के बीच जानें 'जाति और चुनाव' की जुगलबंदी | Arvind Mohan | जातियों का लोकतंत्र 2

'जातियों का लोकतंत्र: जाति और चुनाव' किताब‍ का उद्देश्य भारत के चुनावी लोकतंत्र और उसमें जाति की भूमिका को समझना है. यह एक कठिन काम है, क्योंकि एक सामाजिक श‍‍क्ति‍ के रूप में खुद जाति को समझना भी आसान नहीं है. आधुनिकता, शिक्षा और समझदारी के भूमंडलीय विस्तार के बावजूद भारतीय समाज में जाति जहां थी, अब भी वहीं है. इस किताब में पिछले 76 सालों के बदलावों को समझने और कुछ निर्णायक प्रतीत होने वाली प्रवृत्तियों को रेखांकित करने की कोशिश की है. यह जटिल और सुदीर्घ अध्ययन उन्होंने राज्यवार विश्लेषण के आधार पर किया है. इससे पता चलता है कि यूपी-बिहार ही नहीं, लगभग पूरे देश का चुनावी भूगोल जातियों के आधार पर बनता-बिगड़ता है.


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आज की किताबः 'जातियों का लोकतंत्र: जाति और चुनाव'

लेखक: अरविन्द मोहन

भाषा: हिंदी

विधा: राजनीति

प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन

पृष्ठ संख्या: 252

मूल्य: 350


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.