लोक में व्याप्त 'सामा चकवा' की कहानी को कथाकार, लेखिका, कवयित्री, पत्रकार गीताश्री ने नई काया दी है. उनका यह उपन्यास राधा से रास रचाने वाले श्री कृष्ण द्वारा अपनी ही बेटी को प्रेम करने की सजा देने के आख्यान के साथ ही धरती पर प्रकृति की संरक्षा में स्त्री के संबंध को दर्शाता है. स्त्री, चिड़िया, पेड़, प्रकृति यहां सब संघर्षरत हैं सिवाय पुरुषों के... प्रेमिल युवती के संग अपवाद में यदि कोई खड़ा है तो वह है उसका प्रेमी और भाई. पर्यावरणीय चेतना और लोक कथा के मार्मिक चित्रण का आधुनिक आख्यान.
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आज की किताबः 'सामा- चकवा'
लेखक: गीताश्री
भाषा: हिंदी
विधा: उपन्यास
प्रकाशक: राजपाल एण्ड सन्ज़
पृष्ठ संख्या: 208
मूल्य: 350
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.