पृथ्वीराज रासो पर Krishna Kalpit की 'जाली किताब: हिन्दी के प्रथम गद्य की दिलचस्प-दास्तान' | Ep 744 | Tak Live Video

पृथ्वीराज रासो पर Krishna Kalpit की 'जाली किताब: हिन्दी के प्रथम गद्य की दिलचस्प-दास्तान' | Ep 744

‘पृथ्वीराज रासो’ जैसे महाकाव्य को कुलीन विद्वानों ने नितांत साहित्येतर कारणों से जाली कह दिया. ‘रासो’ की प्रतिष्ठा को जनमानस में अखंड रखने के लिए ‘चंद छंद बरनन की महिमा’ नामक ग्रंथ की रचना हुई, जिसे खड़ी बोली गद्य की प्रथम कृति कहा जा सकता है. लेकिन कालांतर में इसे भी विद्वज्जन ने जाली ठहरा दिया. इन्हीं दोनों पुस्तकों को- जो अपनी अंतर्वस्तु, कल्पनाशील रचनात्मकता और शिल्प के चलते आज भी बची हुई हैं- उक्त आरोपों से बरी करने के लिए यह किताब लिखी गई है, जो इससे पहले कि पंडित कुछ बोलें, ख़ुद ही ख़ुद को जाली कह रही है. वैसे तो यह आलोचना होती, लेकिन उपन्यास हो गई.

‘जाली किताब’ अपने ढंग का पहला और अकेला उपन्यास है, जिसमें आलोचना भी है और आलोचना की आलोचना भी.

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आज की किताबः 'जाली किताब: हिन्दी के प्रथम गद्य की दिलचस्प-दास्तान'

लेखक: कृष्ण कल्पित

भाषा: हिंदी

विधा: उपन्यास

प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन

पृष्ठ संख्या: 133

मूल्य: 199 रुपए


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.