आधी- आधी रात मेरी आंख से चुरा के नींद
खेत-खलिहान में बुलाती रही चांदनी... कवि उदय प्रताप की चंद्रयान 3 पर ये कविता सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.