'बहुत खूबसूरत है आपका होमस्टे'
'बहुत पुराना है'
'आपके पिता ने बनवाया था...'
'नहीं! एक कहानी है यह घर,
आपको मैंने बोला था ना, सबसे बड़ा राइटर तो गाॅड ही है. उसकी लिखी कहानी का कोई एंड नहीं होता... लोग मर जाते हैं कहानी चलती रहती है... मनीषा कुलश्रेष्ठ के कहानी- संग्रह 'वन्या' में मौजूद 'नीला घर' कहानी का अंश.
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आज की किताबः 'वन्या'
लेखक: मनीषा कुलश्रेष्ठ
भाषा: हिंदी
विधा: कहानी-संग्रह
प्रकाशक: राजपाल एण्ड सन्ज़
पृष्ठ संख्या: 143
मूल्य: 265
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.