मां छोटी होती जा रही थीं... Manav Kaul की 'कतरनें', पाठकों से बात करती किताब | EP 982 | Sahitya Tak | Tak Live Video

मां छोटी होती जा रही थीं... Manav Kaul की 'कतरनें', पाठकों से बात करती किताब | EP 982 | Sahitya Tak

इन्हें बटोर लेना ये कतरनें तुम्हारी ही हैं.

- मानव कौल

अभिनेता और लेखक मानव कौल की 'कतरनें' उनकी 13वीं और 'न कहानी, न कविता' शृंखला की उनकी दूसरी पुस्तक है. इस शृंखला की पहली पुस्तक 'तुम्हारे बारे में' बेहद लोकप्रिय रही है. 'कतरनें' में छोटी-बड़ी कुल 62 रचनाएं शामिल हैं. कौल ने इसकी भूमिका में ही यह स्पष्ट कर दिया है कि किताबें भी जीवंत होती हैं, और वे पाठकों से बातें करती हैं.


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आज की किताबः कतरनें

लेखक: मानव कौल

भाषा: हिंदी

विधा: न कहानी, न कविता

प्रकाशक: हिंद युग्म

पृष्ठ संख्या: 224

मूल्य: 299 रुपये


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.