खोल मुट्ठी तेरे जुगनू तुझे वापस दे दूं
मेरे आंसू मेरे आंचल पर बिखर जाने दे.... मलिका नसीम की ये बेहतरीन ग़ज़ल सुनिए सिर्फ़ साहित्य तक पर.