Nasira Sharma Poetry | लड़ रही हैं औरतें | Hindi Poetry | Sahitya Tak | Tak Live Video

Nasira Sharma Poetry | लड़ रही हैं औरतें | Hindi Poetry | Sahitya Tak

जाने कितनों ने तख़्त पलटे हैं हुक़्मरानों के

घर में भी और बाहर भी अपनी गुमनामी के बावजूद...औरतों के वजूद को दर्शाती नासिरा शर्मा की यह बेहतरीन कविता...सुनिए सिर्फ़ साहित्य तक पर.