बिना खोए कुछ पाया नहीं जा सकता... IFFCO के MD US Awasthi अपनी जीवनी के बहाने दे गए जीवन का खास मंत्र | Tak Live Video

बिना खोए कुछ पाया नहीं जा सकता... IFFCO के MD US Awasthi अपनी जीवनी के बहाने दे गए जीवन का खास मंत्र

- दुनिया में कुछ भी बिना संघर्ष के नहीं मिलता

- अपने संघर्ष में अपनी मजबूती तलाश करें

- व्यक्ति के गुणों का आदर करें

- हमारे देश में आरोप- प्रत्यारोप का चलन है

- व्यक्ति के पास यदि लक्ष्य न हो तो वह मरने समान हो जाता है

- बिना खोए कुछ पाया नहीं जा सकता

- समय के साथ चलिए वरना पीछे छूट जाएंगे!

हर कोई सपना देखता है, हर कोई अपने लिए कुछ बेहतर करने का प्रयास करता है. मगर कितने लोग हैं, जो स्वयं को पीछे रख किसानों की भलाई का सोचते हैं? उन्होंने बचपन में एक सपना देखा और लग गए उसे पूरा करने में. कई डिग्रियां लीं, कई जगह काम किया, मगर उनका मन वहीं रमा जिस क्षेत्र से उनका लगाव था. एक छोटे से गांव से निकलकर इफको जैसे संगठन को आसमान की ऊंचाईयों पर ले जाने वाले डाॅ उदय शंकर अवस्थी आज साहित्य तक के खास कार्यक्रम 'बातें- मुलाकातें' में चर्चा के लिए मौजूद हैं. उदय शंकर अवस्थी 'इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-आपरेटिव लिमिटेड' IFFCO के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि उनके दृढ़ संकल्प और पुरजोर मेहनत की वजह से आज इफको ग्रुप का टर्नओवर 1, 20, 000 करोड़ तक पहुंच गया है. यूएस अवस्थी के जीवन से बहुत कुछ सीखा जा सकता है. और यही कारण है कि उनके जीवन पर दो पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें रूपा पब्लिकेशंस से अर्नब मित्रा की The Joys of Crisis: How U.S. Awasthi Scripted The Rise of IFFCO और राजकमल प्रकाशन से अभिषेक सौरभ की 'संघर्ष का सुख: इफको की सफलता के सूत्रधार उदय शंकर अवस्थी की कहानी' शामिल हैं. यह दोनों ही पुस्तकें उनके जीवन के खट्टे- मीठे अनुभवों के साथ- साथ उर्वरक उद्योग की प्रौद्योगिकी और प्रबंधन कौशल की बारीकियों के बारे में बताती है और साथ ही उनके संघर्ष वाले दिनों से लेकर सफलता के शिखर तक की कहानी बतलाती है. इस चर्चा के दौरान यूएस अवस्थी ने अपने बचपन, जवानी, संघर्ष के दिनों और इफको की यात्रा के बारे में खुलकर चर्चा की. साथ ही उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री रह चुके देवी लाल और प्रख्यात साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल संग बिताए पलों को भी याद किया और कई मजेदार किस्से भी सुनाए. तो 'बातें- मुलाकातें' कार्यक्रम में डाॅ यूएस अवस्थी संग वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय की यह चर्चा सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.