फ़िल्मों का गीत-संगीत भारतीय जन-जीवन का अभिन्न हिस्सा है. दुनिया में कहीं भी फ़िल्में आम ज़िन्दगी में इस तरह शामिल नहीं हैं जैसे भारत में. शायद ही ऐसा कोई समय हो जब कहीं-न-कहीं से किसी फ़िल्मी गीत की कोई धुन, कोई बोल, कोई पंक्ति हमारे आसपास न रहती हो.
आज की किताबः कैफ़े सिने संगीत
लेखक: पंकज राग
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 216
मूल्य: 250 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.