Malvika Hariom की प्रेम कविता पर उमड़ा जनता का प्यार | Hindi Poetry | Kavi Sammelan | Sahitya Tak
दीवानों की बात न करिए रोते रोत हंसते हैं
हंसते हंसते पागल इश्क के दलदल में जा धंसते हैं... क्या सचमुच प्रेम पालना जंजाल है? मालविका हरीओम अपनी कविता में बता रही हैं प्रेम के अलग अलग रूप.. देखिए ये खास वीडियो सिर्फ़ साहित्य तक पर