मूर्धन्य कवि शमशेर बहादुर सिंह के निजी और पारिवारिक जीवन के बारे में हम बहुत कम जानते हैं. वे इतने संकोची थे कि इस बारे में उन्होंने कभी कोई सूत्र भी हमें नहीं दिया. उनके भाई तेज बहादुर चौधरी ने बरसों पहले उनपर जो पुस्तक लिखी थी उसने किसी हद तक उस अभाव की पूर्ति की थी. लेकिन यह पुस्तक अप्राप्य हो चुकी थी. इस पुस्तक को रज़ा पुस्तक माला के तहत पुनर्प्रकाशित किया गया है, जिससे के जीवन की अज्ञात, प्रिय-अप्रिय और विचित्र घटनाओं का उल्लेख मिलता है.
आज की किताबः 'मेरे बड़े भाई शमशेर'
लेखक: डॉ तेज बहादुर चौधरी
विधा: जीवनी
भाषा: हिंदी
प्रकाशक: सेतु प्रकाशन
सहयोग: रज़ा फाउंडेशन, शृंखला: रज़ा पुस्तक-माला
पृष्ठ संख्या: 462
मूल्य: 550 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.