मूर्ति पूजा की शक्ति | Amish & Bhavna Roy Interview | Idols: Unearthing the Power of Murti Puja | Tak Live Video

मूर्ति पूजा की शक्ति | Amish & Bhavna Roy Interview | Idols: Unearthing the Power of Murti Puja

अमीश हर बार अपनी लेखनी से चौंकाते हैं. भावना रॉय के साथ उनकी नई किताब आई है Idols: Unearthing the Power of Murti Puja. यह पुस्तक Dharma: Decoding the Epics for a Meaningful Life की अगली कड़ी है. साहित्य तक के प्रतिष्ठित कार्यक्रम 'शब्द-रथी' में अमीश और उनकी सह-लेखक भावना रॉय वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय के साथ इसी पुस्तक पर चर्चा के लिए उपस्थित हैं. इस चर्चा में लेखक द्वय ने अपनी पुस्तक की विषय-वस्तु

* लोग मूर्ति पूजा क्यों करते हैं?

* सदियों से चले आ रहे पूर्वाग्रह, कट्टरता और हिंसा के बावजूद मूर्ति पूजा हठपूर्वक क्यों कायम है?

* क्या मूर्ति पूजा हमें जीवन में अपना असली उद्देश्य खोजने और अंततः शांति और समृद्धि प्राप्त करने में मदद कर सकती है?... जैसी जिज्ञासाओं और प्रश्नों का उत्तर तो दिया ही, इन प्रश्नों के भी उत्तर दिए, कि-

- धर्म या मूर्ति पूजा को आप कैसे देखते हैं?

- Dharma: Decoding the Epics for a Meaningful Life के पात्रों के साथ ही आप दोनों ने 'Idols: Unearthing the Power of Murti Puja' की कथा को कैसे आगे बढ़ाया?

- दो हज़ार साल पहले कौन सी ऐसी स्थितियां थी, जिसने कुछ लोगों को मूर्ति पूजा का विरोधी बना दिया?

- 'Dharma' और 'Idols' नामक पुस्तकों से पाठकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?

- क्या दुनिया में विविध प्रकार के धर्मों या पंथो को लेकर जो टकराव और हिंसा है, वह कभी खत्म हो पायेगी?

- अपनी किताबों के अध्यायों का वर्गीकरण आपने कैसे किया?

- अपनी किताबों के अध्याय का चयन कैसे करते हैं?

- सभी किताबों के बेस्ट सेलर होने के पीछे क्या राज है?

- आप दोनों में पुस्तक से जुड़े किसी विषय को लेकर आपस में कभी कोई टकराव रहा?

- क्या-क्या दर्ज है इन कुल 16 अध्यायों में विभाजित पुस्तक 'Idols : Unearthing the Power of Murti Puja' में?

- 'Dharma' और 'Idols' नामक इन दोनों पुस्तकों का क्या कोई संबंध अयोध्या में निर्मित हो रहे राम मंदिर से भी है?

अमीश और भावना रॉय का उत्तर जानने के लिए आपको सुननी होगी यह बातचीत. हार्पर कॉलिन्स भारत द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'Idols: Unearthing the Power of Murti Puja' में कुल 302 पृष्ठ हैं और इसका मूल्य रुपए 399 हैं. अगर आप भी मूर्ति पूजा को लेकर किसी भी तरह के संशय में हैं, तो आप यह पुस्तक खरीद कर पढ़ सकते हैं.