Prabudha Saurabh Poetry एक आदत पुरानी चली आ रही है...| Kavi Sammelan | Sahitya Tak | Tak Live Video

Prabudha Saurabh Poetry एक आदत पुरानी चली आ रही है...| Kavi Sammelan | Sahitya Tak

न समझो कि कुछ भी अजब कर रहे हैं

न समझो कि ये सिर्फ़ अब कर रहे हैं

एक आदत पुरानी चली आ रही है

गजब ही किया है गजब कर रहे हैं...कवि प्रबुद्ध सौरभ ने यूपी उत्सव के कवि सम्मेलन में जबरदस्त शायरी सुनाई. आप भी सुनिए सिर्फ़ साहित्य तक पर.