लीलाधर जगूड़ी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर 'प्रश्नब्यूह में प्रज्ञा' | EP 556 | Sahitya Tak | Tak Live Video

लीलाधर जगूड़ी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर 'प्रश्नब्यूह में प्रज्ञा' | EP 556 | Sahitya Tak

जिनकी कविताओं में प्रकृति का वास है. जिनकी रचनाओं में नदियां, झील, पहाड़, झरने, पेड़, पौधे सांस लेते हैं. ऐसे ही विलक्षण कवि की पुस्तक पर आज साहित्य तक के बुक कैफे के 'एक दिन एक किताब' कार्यक्रम में चर्चा हो रही है. तो हम बात कर रहे हैं लीलाधर जगूड़ी की. लीलाधर वर्तमान हिंदी साहित्य जगत के जाने-माने कवि हैं. आप टिहरी, उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं. भारतीय सेना में सालों अपनी सेवा देने के बाद आप वर्तमान में लेखन क्षेत्र में सक्रिय हैं. लीलाधर की कई सारी पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें ‘शंखमुखी शिखरों पर’, ‘नाटक जारी है’, ‘इस यात्रा में’, ‘रात अब भी मौजूद है’, ‘बची हुई पृथ्वी’, ‘घबराए हुए शब्द’, ‘भय भी शक्ति देता है’, ‘अनुभव के आकाश में चाँद’, ‘महाकाव्य के बिना’, ‘ईश्वर की अध्यक्षता में’, ‘ख़बर का मुँह विज्ञापन से ढका है’, ‘जि‍तने लोग, उतने प्रेम’ ‘कविता का अमरफल’ (कविता-संग्रह); और ‘मेरे साक्षात्कार’ शामिल है. हाल ही में प्रकाशित आपकी साक्षात्कार पुस्तक 'प्रश्नब्यूह में प्रज्ञा' अपने आप में एक अनोखी पुस्तक है जो आपके व्यक्तित्व, साक्षात्कारों और चिंतन का एक अनोखा मिश्रण है. यह पुस्तक इसलिए भी खास है क्योंकि नामवर सिंह, केदारनाथ सिंह, कुँवर नारायण जैसे महान साहित्यकारों ने भी इस पुस्तक पर अपनी मूल्यवान प्रतिक्रियाएं दी हैं. इस पुस्तक में कुल 24 साक्षात्कार हैं जो कि निश्चित तौर पर पढ़ने लायाक हैं. अपने लेखन कर्म के लिए लीलाधर जगूड़ी को कई प्रतिष्ठित सम्मानों से भी नवाज़ा जा चुका है जिनमें साहित्य अकादेमी पुरस्कार; पद्मश्री सम्मान; रघुवीर सहाय सम्मान; मुख्य हैं.

आज बुक कैफे के 'एक दिन एक किताब' कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय ने लीलाधर जगूड़ी की इसी महत्त्वपूर्ण पुस्तक 'प्रश्नब्यूह में प्रज्ञा' पर चर्चा की है. वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस साक्षात्कार पुस्तक में कुल 247 पृष्ठ हैं और इस पुस्तक के हार्डबाउंड संस्करण का मूल्य 695 रुपए है.