ज़िंदगी की हर कहानी बेअसर हो जाएगी
हम न होंगे तो ये दुनिया दरबदर हो जाएगी
पांव पत्थर करके छोड़ेगी अगर रुक जाइए
चलते रहिये तो ज़मीं भी हमसफर हो जाएगी... राहत इंदौरी साहब की उम्दा शायरी सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.