'हीरा मंडी' लाहौर की वह बदनाम बस्ती, जहां हर खिड़की, हर दरवाज़े से बुलाते हैं बदन, कुछ घंटों के खरीदे हुए लुत्फ़ के लिए... अविभाजित हिंदुस्तान में लाहौर संगीत, नृत्य, कला, साहित्य, व्यापार, समृद्धि और फ़ैशन का केन्द्र था और हीरा मंडी वहां की बदनाम लेकिन चमकती बस्ती जो अपनी चकाचौंध से हर किसी को आकर्षित करती थी...
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आज की किताबः हीरा मंडी
लेखक: राजेन्द्र राजन
भाषा: हिंदी
विधा: उपन्यास
प्रकाशक: राजपाल एंड संस
पृष्ठ संख्या: 141
मूल्य: 265
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.