Shailesh Gupta Poetry | कुछ भी नहीं रहा निरपेक्ष...Hindi Kavita | Shailesh Gupta Ki Kavita | Tak Live Video

Shailesh Gupta Poetry | कुछ भी नहीं रहा निरपेक्ष...Hindi Kavita | Shailesh Gupta Ki Kavita

कुछ भी नहीं रहा निरपेक्ष

न धर्म, न जाति,न संस्कृति न सभ्यता

सब कुछ हो गया है

सापेक्ष...शैलेश गुप्ता की लगातार कविताएं मोह लेंगी मन. आप भी सुनिए सिर्फ साहित्य तक पर.