जनता की डिमांड पर शैलेश लोहडा ने मां के ऊपर कविता सुनाई, तो सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए... यकीनन यदि मां जीवन में न होती तो ज़िंदगी कुछ शैलेश लोहडा जी की कविता की तरह ही हो जाती... आप भी सुनें मदर्स डे के मौके पर यह ख़ास कविता सिर्फ़ साहित्य तक पर...