Shayari by Shabeena Adeeb | अपनी डाली से बिछड़े अलग हो गए | New Shayari | Mushaira | Sahitya Tak | Tak Live Video

Shayari by Shabeena Adeeb | अपनी डाली से बिछड़े अलग हो गए | New Shayari | Mushaira | Sahitya Tak

अपनी डाली से बिछड़े अलग हो गए

पेड़ के सारे पत्ते अलग हो गए

ईश्वर भी वहीं है खुदा भी वहीं

जाने क्यों उसके बंदे अलग हो गए...शबीना अदीब की बेहतरीन शायरी आपके रौंगटे खड़े कर देगी. सुनें बेहतरीन ये ग़ज़लें सिर्फ साहित्य तक पर.

*यह मुशायरा अदब-की-महफ़िल की जानिब से करवाया गया है.