अपनी डाली से बिछड़े अलग हो गए
पेड़ के सारे पत्ते अलग हो गए
ईश्वर भी वहीं है खुदा भी वहीं
जाने क्यों उसके बंदे अलग हो गए...शबीना अदीब की बेहतरीन शायरी आपके रौंगटे खड़े कर देगी. सुनें बेहतरीन ये ग़ज़लें सिर्फ साहित्य तक पर.
*यह मुशायरा अदब-की-महफ़िल की जानिब से करवाया गया है.